शब्द साधना


शब्द का चिंतन मनन कर

शब्द मधुरस घोल भी दे।
शब्द को पहचान प्राणी
शब्द मीठे बोल भी दे।।
शब्द का चिंतन मनन कर...
(1)
शब्द शीतलता कहीं तो
शब्द सुलगाते कहीं है।
शब्द रस वर्षा कहीं तो
शब्द दहकाते कहीं है।
शब्द मन अनुराग भर दे 
शब्द रसना घोल भी दे।।
शब्द का चिंतन मनन कर...
(2)
शब्द तीखे बाण से तो
शब्द लेते प्राण भी है।
शब्द से ही प्राण पुलकित  
शब्द से निर्वाण भी है।
शब्द का संधान कर ले
शब्द शक्ति तौल भी दे।।
शब्द का चिंतन मनन कर...
(3)
शब्द होते शूल से भी।
शब्द से ना  वार कर तू।
शब्द होते फूल से भी ।
शब्द से ही प्यार कर तू।
शब्द का सुंदर चयन कर
शब्द मिश्री घोल दे।।
शब्द का चिंतन मनन कर...
(4)
शब्द मधु रस है घुले तो
शब्द है अनमोल धन भी।
शब्द की कर साधना तो
शब्द से महके चमन भी।
शब्द का तू मोल कर ले
शब्द घुंडी खोल भी दे।।
शब्द का चिंतन मनन कर...
(5)
शब्द मन अनुराग भर दे 
शब्द से तन त्याग भी दे।
शब्द मन श्रृंगार भर दे।
शब्द मन वैराग भी दे।
शब्द की आराधना कर
शब्द की जय बोल दे।।
शब्द का चिंतन मनन कर...
कैलाश मण्डलोई "कदंब"

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3 टिप्पणियाँ

Arpita ने कहा…
अप्रतिम रचना
Arpita ने कहा…
अप्रतिम रचना
जी बहुत बहुत धन्यवाद