मुख में राम बगल में छुरी...


मुख में राम है बगल में छुरी...
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दिखने में सज्जनता झलके
पर नियत इनकी बुरी,
सावधान माथे पर 
चंदन का टीका
मुख में राम
है बगल में छुरी।
हर जगह मिल जायेंगे 
संसद में धर्मसभा में 
न्यायालय में
गीता कुरान पर हाथ रखे
भोली सूरत बातें प्यारी-प्यारी। 
दिखने में... 
मुख में राम है बगल में छुरी।
देते ज्ञान गीता का
करते बात कुरान की
गुरु ग्रंथ की वाणी मुख में
फिर क्या है इनकी मजबूरी। 
दिखने में... 
मुख में राम है बगल में छुरी।
नित नव रोज करें आडंबर 
छल प्रपंच जाल बिछाये  
झूठे कर्म कांड बताकर
जब ठगने तुमको आये
बस रखना थोड़ी होशियारी। 
दिखने में...
मुख में राम है बगल में छुरी।
  कैलाश मंडलोई ‘कदंब’


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