--------------------------
गर ईश्वर में है आस्था,
थोड़ा कुछ ऐसा कर दो।
किसी दुखी उदास मन में,
बस थोड़ी सी हंसी भर दो।।
जख्मों को कुरेद देना,
यहाँ सभी को आता है दोस्तों।
बात तो तब बने जब तुम,
किसी जख्म पर मरहम धर दो।।
खड़ा द्वार भूखा कोई,
मत ठूस ठूस कर खाना तुम।
बस दो रोटी उसके भी,
भूखे पेट हवाले कर दो।।
रहो तुम बंगलों में ही,
मलाल उसका ना है कोई।
खड़ा गर धूप में कोई,
उसके भी सिर छाँया कर दो।।
मिलेगी दुवाएँ तुम्हें
बढ़ा कदम तू अंतर्मन से।
है कोई हतास मन से,
बस जरा सा हौसला भर दो।।
0 टिप्पणियाँ