भाषा में हिंदी को आज मुझे गाने दो...
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भाषा में हिंदी को, माथे पर बिंदी को
आज सज जाने दो, आज मुझे गाने दो।
भावों के सागर से, अँखियों के बादल को
आज बरस जाने दो, आज मुझे गाने दो।
साजन की आँखों में, सजनी की मेंहदी को।
आज रच जाने दो, आज मुझे गाने दो।
दिलबर की दिल्लगी में, दिलरुबा की दिलकशी को।
आज दिल लगाने दो, आज मुझे गाने दो।
कैलाश मण्डलोई "कदंब"
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