शब्द का चिंतन मनन कर

शब्द का चिंतन मनन कर
शब्द मधुरस घोल दे।
शब्द को पहचान प्राणी
शब्द मीठे बोल दे।।
शब्द का चिंतन मनन कर...

शब्द शीतलता कहीं तो
शब्द सुलगाते कहीं।
शब्द रस वर्षा कहीं तो
शब्द बहकाते कहीं।
शब्द का चिंतन मनन कर...

शब्द होते शूल से तो
शब्द होते फूल भी 
शब्द से तू वार कर ले 
शब्द से कर प्यार भी।।
शब्द का चिंतन मनन कर...

शब्द मन अनुराग भर दे 
शब्द से तन त्याग दे।
शब्द का संधान कर ले
शब्द मन श्रृंगार दे।।
शब्द का चिंतन मनन कर...

शब्द तीखे बाण से तो
शब्द ले ले प्राण भी।
शब्द से हो प्राण पुलकित  
शब्द से निर्वाण भी।।
शब्द का चिंतन मनन कर...

शब्द मधु रस है घुले तो
शब्द गोले आग भी।
शब्द खोले बंद द्वारे
शब्द काला नाग भी।।
शब्द का चिंतन मनन कर...

शब्द से ही पथ बना है
शब्द की गर चाह हो।
शब्द की सद डोर पकड़े
शब्द से भव पार हो।।
शब्द का चिंतन मनन कर...

कैलाश मंडलोई 'कदंब'

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