जीनव साथी


 

 जीवन साथी

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मुझसे दूर कभी न जाना,

तुम मेरे जीवन साथी।


अस्तित्व नही मेरा यहाँ, 

बिन तेरे जीवन साथी।


जल न सकी कभी जीवन में,

ज्यों बिन दीपक के बाती।


मेरा साथ सदा निभाना,

तुम मेरे जीवन साथी।



छोड़ आई बाबुल का घर, 

साथ चले जीवन साथी।


कैसी रीत जग बनाई,

हाथ धरे जीवन साथी।


मात-पिता से सास-ससूर,

मुझे मिले जीवन साथी।


सबकी सेवा में रम गई,

खुशी मिले जीवन साथी।


कैलाश मंडलोई 'कदंब'


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