कलमकार मैं हिंदी का
(विश्व पटल पर हिंदी )
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लगे मधुर सुहानी हिंदी
भारत के माथे की बिंदी
गीता का है ज्ञान यहाँ
वेदों का है मान यहाँ
कलमकार मैं हिंदी का
और पुजारी हिंदी का
मेरा करम भी हिंदी है
मेरा धरम भी हिंदी है
मैं नित-नए लेखन से
अपनी कलम चलाऊँगा
हिंदी का मान बढ़ाऊँगा
बस है यही अरमान मेरा
विश्व गुरु का मान मिले।
अब हिंदी साहित्य को
विश्व पटल पर सन्मान मिले
. कैलाश मंडलोई कदंब'
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