तुमको होना महल अटारी
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तुमको होना महल अटारी
गुड़िया प्यारी सूट सफारी।
दुनियाँ से क्या तुमको मतलब
भाड़ में जाय दुनियादारी।।
भरी दुपहरी फसलें सींचे।
फिर भी भूखा अन्न पुजारी।।
उसे चैन की नींद न आए
तुझको हर पल नींद खुमारी।।
उसको पैदल ही चलना है
वह सपनों पर करें सवारी।।
सिर ढंकने को छत नही है
वह बना रहे छत तुम्हारी।।
उसको भी मिल जाए रोटी
हो जाए बस माल गुजारी।।
1 टिप्पणियाँ
फिर भी भूखा अन्न पुजारी।।
बहुत सुन्दर...
वाह!!!