मत भूल अरे नादान


समय बड़ा बलवान
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यौवन का ज्यों खिला कमल,
ज्यादा मत कर मान गुमान।
धीरे-धीरे मुरझा जायेगा, 
मद में मत भूल अरे नादान।।

पल-पल बदल रहा है सब,
तुझको इसका नहीं कुछ भान।
नियम प्रकृति का परिवर्तन,
बात मान समय है गतिमान।।

मद माया में भरमाया है,
छल कपट खूब करें इंसान।
एक दिन तुझको जाना है,
छोड़ के सब साजो सामान।।

अभी समय है अभी सम्भल,
मौत से बड़ा नही बलवान।
समय सदा न एक समान,
बदलेगा समय सच्चा जान।।


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