मंजिल खड़ी सामने निगाहों में।
हौसला गर है तुम्हारी बाँहों में।।
सफलता निश्चित मिलेगी तुझे।
बाधाएं चाहे कितनी हो राहों में।।
बस छोड़ देना तू बुराई का दामन।
रहना है तुझे नेकी की पनाहों में।।
जो गुमान करते थे आये चले गए।
गुम हुए जिनके रंगे हाथ गुनाहों में।।
त्याग, धर्म, सद कर्म किये जिसने।
पूजे गये मरे बाद वो दरगाहों में।।
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