होली गीत


फागुन गीत


घर आओ परदेशी, 
रंगीलो फागुन आयो रे।


फागुन आयो मन हरसायो।
मन हरसायो जियो तरसायो।
फागुन आयो रे।। घर . ...


नार नवेली सुंदर गोरी।
संग पिया के खेलत होरी
सतरंगी रंग रंग गई रे।
 रंगीलो फागुन आयो रे. ..


आखियाँ कारी बाहें गोरी।
पिया मन भाई चोरी-चोरी।
चुनर संग चोली रंग गई रे...
रंगीलो फागुन आयो रे. ..



(02)
होली गीत
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ओ गोरी होरी खेला आज 
फागुन रुत आई रे-2
ओ गोरे गालों को रंग दे गुलाल 
फागुन रुत आई रे-2 
आई रे आई रे मन भाई रे-2 
ओ गोरी होरी खेला आज 
फागुन रुत आई रे-2


लाल ना रंगाऊँ मैं हरी ना रंगाऊँ
सजना के रंग तन मन को भिजाऊँ
ओ मोहे प्रीत में रंग दे आज 
फागुन रुत आई रे-2 
ओ गोरी होरी खेला आज 
फागुन रुत आई रे-2
ओ गोरे गाल पे रंग दे गुलाल 
फागुन रुत आई रे-2 
आई रे आई रे मन भाई रे 
ओ गोरी होरी खेला आज 
फागुन रुत आई रे-2


लट बिखराई, मोरी बय्यां मरोड़ी
कहना ना माने मोरा साजन अनाड़ी
ओ मोरी सुध बुध खो गई आज 
फागुन रुत आई रे-2 
ओ गोरी होरी खेला आज 
फागुन रुत आई रे-2
ओ गोरे गाल पे रंग दे गुलाल 
फागुन रुत आई रे-2 
आई रे आई रे मन भाई रे 
ओ गोरी होरी खेला आज 
फागुन रुत आई रे-2

(गीत यहाँ सुने)

https://www.facebook.com/100009047760035/videos/1917973828514191/

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1 टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
बहुत शानदार होली गीत