सर्दी ने हद कर दी स्वेटर पहने शाल ओढ़े फिर भी थरथर कांप रहे। मुंह से कुछ बोले नहीं मन ही मन से भांप रहें। बीवी ने चुप्पी तोड़ी पड़ी शाल भी ली ओढ़ी। खिड़की द्वा…
Read more »अधिक सोचना आपका दिन या जीवन भी बर्बाद कर सकता है? सोचने का पैटर्न पशु और मानव में सबसे बड़ा और खास अंतर है सोचने का पैटर्न। इसी सोचने विचारने के …
Read more »जिज्ञासा ज्ञान की जननी है। ज्ञान बलिदान माँगता है, नींद का, आलस्य का, सुखों का, मान का, अपमान का उसने यही किया। बलिदान कर दिया। बाधाओं के पहाड़ खड़े।…
Read more »*भारत के गौरवशाली इतिहास में राजस्थान के मेवाड़ का इतिहास शौर्य और त्याग की गाथाओं का सिरमौर रहा है ।मेवाड़ के ही राजा रतन सिंह और रानी पद्मिनी की अमर प्रेम कहानी…
Read more »झूठ या सच ------------- झूठे लगते अब तो प्यारे, सच्चाई में कुछ दम नहीं। झूठे जीते और सच्चे हारे, सच सुनने की कूबत नहीं।। सच को झूठा साबित करता, झूठ ब…
Read more »*विकलांग नहीं दिव्यांग है हम* (दिव्यांग दिवस पर सभी दिव्यांग जनों को सादर समर्पित…..)* आँखे अँधी है, कान है बहरे , हाथ पांव भी भले विकल । वाणी-बुद्ध…
Read more »मेरे पुस्तक समीक्षा मेरे लिए यह गर्व एवं खुशी का विषय है कि मेरी पुस्तक "साहित्यमेध" जो कि साहित्य संगम रचनाकार विशेषांक थी जिसकी समीक्षा आ. राजेश…
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