सुख और सफलता के मूल सिद्धांत
"सदुद्देश्य"
इस बात का जानना बुद्धिमानी है कि कौन सा काम पहले करना उचित है और उसके लिये कौन सा उपाय पहले काम में लाना चाहिए। किसी काम को बिना सोचे विचार शुरू कर देना, उसे भी शुरू से नियमानुसार न करके बीच से करना अथवा अंत से करना असफलता का चिह्न है। जो काम शुरू से नियमानुसार किया जाता है, उसी में सफलता होती है । विद्यार्थी पहले पहल बीजगणित और रेखागणित के प्रश्न को हल नहीं कर सकता। शुरू में उसे गिनती सीखनी पड़ती है और वर्णमाला का अभ्यास करना पड़ता है। धीरे धीरे कुछ काल के बाद उसमें बीजगणित और ज्यामिति के समझने की शक्ति आ जाती है । जितने ज्ञानी ध्यानी और सफलतम व्यक्तियों को तुम देखते हो, उन्होंने इस अवस्था को प्राप्त करने के लिये वर्षो धैर्य के साथ अभ्यास किया है और जनता के अनुभव से लाभ उठाया है । निशाना वही मनुष्य ठीक लगा सकेगा, जो निशाने की ओर अपनी दृष्टि रखता है और उचित समय पर बाण छोड़ता है।
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