चुपके-चुपके आ कर बेटी माँ के कानों में। कुछ भूली बिसरी यादें साझा कर जाती है।। सास ननद के ताने सुनती चुप रह जाती है। गम सारे हँसते हँसते वह स…
Read more »मैं झरने का पानी ------------------------ सबके मन की पीर लिए मैं निर्झर मैं गाता हूँ मैं बहते ही जाता हूं अविराम गति से पथ पर मैं निर्झर झरने का पा…
Read more »तिरस्कार से कुंठित मन है , सोचे दुर्बल प्राण विवश है। घिरा घन तिमिर हृदय में , भावों का आवेश प्रबल है।। …
Read more »महापुरुषों के आदर्शों के संस्मरण का अवसर दीपावली भारत में बारह महीने कोई न कोई त्यौहार किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। हिंदू समाज के चार…
Read more »गीत यहाँ सुने दिप तो जले किसी का दिल नहीं जले एक गीत
Read more »बच्चे को नासमझ न समझे बच्चा एक बरस का तो क्या एक दिन का भी हो , तो उसको इतना छोटा और नासमझ मत समझिए, कि आप उसके सामने ऐसे बु…
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