माँ बेटी
मैं झरने का पानी
मैला चुगते हंसा
प्रकाश पर्व पर दूर हो अज्ञान का अंधेरा
दीप जगमगा गए
दिप तो जले किसी का दिल नही जले
बच्चे को नासमझ न समझे