आधुनिक युग का लाल ---------- माँ-बाप ने सपने देखे सोचा बहू आएगी गरमा गरम खाना अपने हाथों से खिलाएगी घर के कामों से आराम मिलेगा पोते- पोती होंगे नन्ही किलकारीं से घर…
Read more »गैरों की नहीं अपनी अपनों की बात करते है युगों-युगों से ठगों के बीच ठगाता आया …
Read more »तुमको होना महल अटारी गुड़िया प्यारी सूट सफारी।। दुनियाँ से क्या मतलब तुमको भाड़…
Read more »विदाई के पल --------------- घड़ी विदाई की आई बिटिया चली विदेश भीगी अँखियाँ बाबुल की जैसे पावस प्रदेश। मेहमानों से यूँ मिले मंद-मंद मुस्काये …
Read more »दो कदम सजनी चली दो कदम साजन चले। दिल में थे अरमान पले पल-पल हम संग चले। चुपके-चुपके चोरी से बोली पायल गोरी से।। अब तुम घूंघट खोलो दो बोल प्रेम के ब…
Read more »