मैं आवाज लगाऊँगा.... ---------------------- जाग उठे सोई मानवता उठ खड़ी हो दिलों में क्रांति जम जाए शब्द जन-जन के मन में कुछ ऐसी बात रखूंगा कोई जागे या न जागे, म…
Read more »क्यों मिला जीवन तुझे --------------- सुगंध से सुरभित चमन है फूल क्या यह जानता हैं? दर्द होता है चुभन से शूल क्या पहचानता हैं? सत्य को पहचान प्रणी आत्म मंथन कर ले आत्म श्…
Read more »भूखे पेट -------------------------- गर ईश्वर में है आस्था, थोड़ा कुछ ऐसा कर दो। किसी दुखी उदास मन में, बस थोड़ी सी हंसी भर दो। जख्मों को कुरेद देना, यहाँ सभी को आ…
Read more »भुखमरी ------------- जब रोटी के गीत गा कर माँ भूखे ही बच्चों को सुलाती है। उनके फटे होंठ पिचका पेट देख माँ जिन्दी मर जाती है। बोनी हो जाती वहाँ सारी परिभाषा जो…
Read more »लेखनी ललकारती है सच बताना चाहिये। आँख पर से झूठ का पर्दा उठाना चाहिये।। जान कर अनजान बनना ना हमारा धर्म हो। नोट के खातिर न कोई सच छुपाना चाहिये।…
Read more »शब्दों के भ्रम जाल ---------------------- मुक्त होना चाहता हूँ शब्दों के भ्रम जाल से झूठी कथा कहानी सुनाकर छला धर्म के नाम पर झूठे कर्म-कांड बताकर छला कर्म के…
Read more »शिक्षा का गिरता स्तर जिम्मेदार कौन? शिक्षा क्या है? शिक्षा एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म से मृत्यु पर्यंत इस प…
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