झूठी आशा झूठी दिलशा कब तक देखेगें तमाशा? मार्डन इण्डिया अच्छे दिन की बात करता है जहाँ गरीब कंधें पर लाश ढोता है धिक्कार है ऐसे दिन देखने वालों पर। किसे कहें? किसे सुनाए…
Read more »जब मैं कन्या मा0 वि0 रायबिड़पुरा में दिनांक 15/12/2005 को अन्य संस्था से स्थानांतरित हो कर आया तो यहाँ के शाला परिसर की हालत बहुत ही खराब थी। खेल के मैदान…
Read more »शब्द का चिंतन मनन कर शब्द मधुरस घोल भी दे। शब्द को पहचान प्राणी शब्द मीठे बोल भी दे।। शब्द का चिंतन मनन कर... (1) शब्द शीतलता कहीं तो शब्द सु…
Read more »दुखियों के भगवान नहीं क्या? ------------------------------------ स्वार्थ की सीलन से जीवन की फिसलन से लुट-लुट कर दिन लाखों के अपनी रात सज़ा रक्खी है पुछ रहे विश्वास ह…
Read more »मैं आवाज लगाऊँगा.... ---------------------- जाग उठे सोई मानवता उठ खड़ी हो दिलों में क्रांति जम जाए शब्द जन-जन के मन में कुछ ऐसी बात रखूंगा कोई जागे या न जागे, म…
Read more »क्यों मिला जीवन तुझे --------------- सुगंध से सुरभित चमन है फूल क्या यह जानता हैं? दर्द होता है चुभन से शूल क्या पहचानता हैं? सत्य को पहचान प्रणी आत्म मंथन कर ले आत्म श्…
Read more »भूखे पेट -------------------------- गर ईश्वर में है आस्था, थोड़ा कुछ ऐसा कर दो। किसी दुखी उदास मन में, बस थोड़ी सी हंसी भर दो। जख्मों को कुरेद देना, यहाँ सभी को आ…
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