फटी कमीज -------------------- न ओढ़ने को न बिछाने को ठिठुरन से कंपकंपाती ठंड में काँपता शरीर मुंह में बजते दाँत आधा तन ढाँके सवाल पूछती फटी कमीज गरीब आदमी से क्या तुम्ह…
Read more »वह सब जाने ... -------------------------- अगर यह सच है कि आपकी पूजामें , व्रत में की गई अर्चना, प्रार्थना कोई सुनता है तो यह भी सच है कि आपके भले कर्म और बुरे कर्म का प…
Read more »प्रेम की परिभाषा ... -------------------- जो है तृषित दुखित व्यथित शापित अभागे हे मानव तू जन के मन की अभिलाषा पड़ ले प्रेम की परिभाषा घड़ ले। क्यों करता ढेर घने रे सं…
Read more »खोखला सा आदमी --------------- भार हीन बिल्कुल हल्का खोखला सा आदमी जब भुला अपने को धन वैभव की चमक धमक में हिस्सों में बटा किश्तों में कटा रिश्तों से हटा रिश्तों मे…
Read more »भूख राग... -------------------- धधकती ज्वाला पेट में लगी आग कैसे बुझाएं? सिकुड़ती आँतें पिचके गाल, बिखरे बाल निहारती फटी आँखें ऊंची-ऊंची इमारतें उनके आस पास फ…
Read more »मन की उलझन ------------------ जिसे होना चाहिए पास मेरे वह न रहा पास मेरे जिसे होना चाहिए उनके पास वह न रहा उनके पास तेरे मेरे में उलझा मन जीवन की भरी दुपहरी में तप…
Read more »श्रम सीकर से लथपथ चेहरे... ------------------------------- सींची फसलें अपना खून बना पसीना बना रक्त अन्न कणों में उसका पसीना स्वाद वही मिट्टी का, क्या तुम पहचान सकोगे…
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