राजपथ के बहरे गलियारे --------------------- कितने व्यवहार कुशल हो गए चुनाव में घोषणा पत्र लिखकर गाँवों की नगरों की कस्बों की सीमाओं पर स्वागत बोर्ड लगाकर निश…
Read more »झूठ, फरेब की पौध... ------------------------- भीड़ में ईमानदारी खो गई कहीं हर जगह मानव व्यवहार में उग रही गाजर घास की तरह स्वार्थ, लालच, छल-कपट झूठ, फरे…
Read more »एक छंद और लिख दिया... ----------------------------- भोर, धूप, सांझ, रात शिखर, नदी, वृक्ष पात लिख न सका राम नाम, व्यर्थ ही जिया।। एक छंद …
Read more »गरीब की भूख (लघुकथा) ---------------------------- आजकल पहाड़ी क्षेत्र भी सूखे की मार सह रहा है। यहाँ अधिकांश किसान ऐसे है कि उनके खेतों में इतना अनाज भी पै…
Read more »एक संकल्प मातृभाषा हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा बने... --------------- - ------------ आज हिन्दी दिवस पर हम संकल्प ले की हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा बने।हम हिन्दी…
Read more »भाषा में हिंदी को आज मुझे गाने दो... ------------------------ भाषा में हिंदी को,…
Read more »कलमकार मैं हिंदी का (विश्व पटल पर हिंदी ) ------------------------------ लगे मधुर सुहानी हिंदी …
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