हमने जल गंदा किया, किया दूषित समीर। दोषी इसके हम सभी, मृत सा हुआ जमीर।। उपजत रोग नए-नए, दूषित भोजन खाय। पर मानव माने नहीं, कौन इसे सम…
Read more »आतंक की बीते निशा अब ----------------------------- धधकती प्रतिशोध ज्वाला, लहू ले दुश्मन का बुझे। सबक ऐसा सिखाओ अब, गलत करने की न सूझे।। सहन कर ली …
Read more »प्रीत है प्यार है और आपस में मनुहार है। कुहकी कोयल बागों में बसंती बहार है।। अब न धी…
Read more »जीवन एक संगीत है ----------------------- जीवन एक संगीत है, गाना सुंदर राग। …
Read more »उठो कर्म का गान करो ------------------------------ अरुणोदय की स्वर्ण बेला। …
Read more »सत्ता बल की मनमानी... ------------- --------- झूठे लगते अब तो प्यारे। सच…
Read more »नेताजी की हुंकार -------------------------- नेता जी ने फिर हुंकारा। झूठे वादे से ललकारा।। गली गांव में गूंजा नारा। होगा अब उद्धार तुम्हारा।। …
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