बचपन मुसकाने दो
पृथ्वी संरक्षण 
बिटिया चली विदेश
सूरज दादा (बाल कविता)
जीवन का उपहार है माँ
बेटी का अरमान
कवि कामना दुर्दिन बीते जाय