*विकलांग नहीं दिव्यांग है हम* (दिव्यांग दिवस पर सभी दिव्यांग जनों को सादर समर्पित…..)* आँखे अँधी है, कान है बहरे , हाथ पांव भी भले विकल । वाणी-बुद्ध…
Read more »मेरे पुस्तक समीक्षा मेरे लिए यह गर्व एवं खुशी का विषय है कि मेरी पुस्तक "साहित्यमेध" जो कि साहित्य संगम रचनाकार विशेषांक थी जिसकी समीक्षा आ. राजेश…
Read more »*अंजाम क्यों हो 'श्रद्धा' सा तुम्हारा* *=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=* सोया था मैं गहरी नींद में , एक मुझे सपना आया । हाथ पकड़कर ,गहन झंझोड़कर , जैसे था मुझे नींद जगाय…
Read more »हां, "आप" को सबसे अलग बनाएं क्या आप सबसे अलग, हटकर विशेष बनना चाहते हैं। आप चाहते हैं कि लोग आपकी बात सुनें। यदि हाँ, …
Read more »*अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस (25 नवम्बर ) पर विश्व की आधी आबादी को समर्पित......* *हे ! माँ मुझको गर्भ में ले ले ….* हे ! माँ मुझक…
Read more »सत्य का पुजारी-गैलेलियो बहुत पुरानी बात है। इटली के पिसा नामक नगर में एक लडका रहता था। एक दिन उसके बूढे पिता का चश्मा टूट गया। लड़के ने खेल-खेल में…
Read more »वर्षा रानी रूठ गई एक समय की बात है। किसी बात को लेकर वर्षा रानी रूठ गई और अपना रौद्र रूप धारण कर लिया। आसमान में घने काले-काले …
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